झारखण्ड के क्रांतिकारी


  1. लाल हेम्ब्रम - लाल हेम्ब्रम उर्फ लाल बाबा सफाहोड़आंदोलन के प्रवर्तक , इन्होंने ब्रिटिश हुकुमत की जड़े हिला दी. सफाहोड़ आंदोलन का प्रारम्भ 1870 ई. में हुआ. सफाहोड़ आंदोलन के जनक लाल बाबा ने आजाद हिन्द फौज के तर्ज पर संथाल परगना में दशोद्वारक दल का गठन किया. सफाहोड़ आंदोलन के जनक लाल बाबा संथालों को सफेद झंडा देते थे एवं मांस मदिरा के सेवन करने से रोकते थे. लाल हेम्ब्रम ने महात्मा गाँधी के कहने पर सन् 1945 ई. को आत्म समर्पण कर दिया. इनका कार्य क्षेत्र दुमका स्थित लाठी पहाड़ी था.
  2. टुडु बैजनाथ - इनका जन्म डुमरिया (संथाल परगना) में हुआ था. भारत छोड़ो आंदोलन में इनका सक्रिय योगदान था.
  3. टुडु बैमान - इनका जन्म बिसरिया (संथाल परगना) में हुआ था. इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय सहयोग दिया. 5 सितम्बर 1942 को पुलिस द्वारा गोली चलाने ने उनकी मृत्यु हो गई.
  4. टुडु श्याम - इनका जन्म बिसनपुर संथाल परगना में हुआ था. इन्होंने असहयोग आंदोलन , सविनय अवज्ञा आंदोलन एवं भारत छोड़ो आांदोलन में सक्रिय योगदान दिया. 1943 ई. में पटना कैम्प जेल में इनकी मृत्यु हुई.
  5. बेन्जीवन बास्की - इनका जन्म कुमारी ग्राम (संथाल परगना) में हुआ. वे इन्डियन नेशनल आर्मी के रिइनफोर्समेंट ग्रुप में लेफ्टिनेंट थे. ब्रिटिश सेना द्वारा इनकी हत्या कर दी गई.

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