संथाल

 संथाल

  • विश्व की अधिकांश जनजातियाँ भारत में निवास करती हैं।
  • जनसंख्या की दृष्टि से भील जनजाति और गोंड जनजाति के बाद संथालों का भारत में तीसरा स्थान है।
  • भारत में संथालों की कुल जनसंख्या 60,50,000, बांग्लादेश में 1,50,000, भूटान में 65,100, 2,200 है।
  • विश्व में संथालों की कुल जनसंख्या 7,612200 है।
  • संथाल जनजाति 92% ग्रामीण क्षेत्रों में और 8% शहरी क्षेत्रों में रहती है।
  • संथालों की साक्षरता दर 47.1% है जिसमें 40.68% पुरुष और 18.19% महिलाएं हैं।
  •  संथालों में लिंगानुपात 1000:972 है।
  • जनसंख्या की दृष्टि से संथाल का झारखंड की जनजातियों में प्रथम स्थान है।
  • संथाल परगना झारखंड में संथालों का मुख्य निवास है।
  • प्रजाति के अनुसार, संथालों को प्रोटो-ऑस्ट्रेलॉयड श्रेणी में रखा गया है।
  • संथालों में बी ब्लड ग्रुप की बहुतायत होती है।
  • संथाल परंपरा के अनुसार, झारखंड में प्रवेश करने से पहले उन्हें खरवार कहा जाता था।
  • संथाल में 12 गोत्र होते हैं।
  • संथाल समाज चौ. (वर्ण। वर्ग) में विभाजित है।
  • संथाल जनजाति चार।हाडो। किस्कू हुड को सोरेन हुड, मुर्मू हुड और मार्डी हुड में बांटा गया है।
  • संथाल जनजाति एक अंतर्विवाही जनजाति है।
  • संथाल जनजाति समलैंगिक विवाह निषिद्ध है।
  • संथाल जनजाति में विवाह की प्रथा है।
  • संथालों में एकल और संयुक्त परिवार पाए जाते हैं।
  • संथाल समाज में दो प्रकार की नातेदारी पायी जाती है।
  • संथालों में .दीक्षा संस्कार. को चाचो छठियार नाम से जाना जाता है.
  • संथाल समाज में बाल विवाह की प्रथा नहीं है.
  • संथाल समाज में जीजा-साली विवाह और देवर-भौजाई विवाह की मान्यता है, विधवा विवाह भी प्रचलित है.
  • संथाल समाज में तलाक की प्रथा पायी जाती है.
  • संथाल जनजाति में आठ प्रकार के विवाह प्रचलित है.
  • संथालों में विवाह को बापला कहा जाता है.
  • किरिंग बापला संथाल आदिवासी से संबंधित हैै.
  • किरिंग बापला, किरिंग जवाई, इतुत, नर्बोलोक, टुनकी दिपिल बापला, घर की जवाई एवं सांगा विवाह का प्रचलन संथाल जनजाति में है.
  • संथाल जनजाति में सर्वाधिक किरिंग बापला विवाह प्रचलित है.
  • संथाल जनजाति में किरिंग बापला विवाह अगुवा के माध्यम से तय किया जाता है.
  • संथाल जनजाति में वर पक्ष की ओर से कन्या पक्ष को .पोन. दिया जाता है.
  • संथाल जनजाति में बारात के खाने-पीने का खर्च वर-पक्ष के द्वारा वहन किया जाता है.
  • सांगा विवाह विधवा।परित्यक्ता का विवाह है.
  • संथालों में क्रय विवाह को सादाई बापला कहा जाता है.
  • संथालों में विनिमय विवाह को गोलाइटी बापला के नाम से जाना जाता है.
  • विधवा विवाह को संथाल जनजाति में सांगा बापला के नाम से जाना जाता है.
  • सेवा विवाह को संथाल जनजाति में घरदी जवाई बापला नाम से जाना जाता है.
  • संथालों में हठ विवाह को निर्बोलोक बापला के नाम से जाना जाता है.
  • इतुत विवाह प्रेम प्रसंग के फलस्वरुप होता है.
  • इतुत विवाह माता-पिता के स्वीकृति के बिना होता है.
  • इतुत विवाह मांझी के जुर्माना चुका कर होता है.
  • संथालों में वर-पक्ष की ओर से कन्या-पक्ष को दिया जानेवाले वधू-मूल्य पोन कहलाता है.
  • संथालों का सर्वोच्च देवता सिंगबोंगा है.
  • संथालों का दूसरा सर्वप्रमुख देवता मरांग बुरु है.
  • संथालों का मुख्य ग्राम देवी जाहेर-एरा है.
  • संथालों के जाहेर-एरा देवी का निवास स्थान साल वृक्षों से घिरा-.जाहेरथान. होता है.
  • संथाल समाज में ठाकुर जी को विश्व का विधाता माना जाता है.
  • संथाल लोग देवी-दुर्गा को जाहेर-एरा नाम से पुकारते हैं.
  • संथाल का ओड़ाक बोंगा गृहदेवता है.
  • संथालों का कुल देवता आबगे बोंगा है.
  • संथाल गांव का धार्मिक प्रधान नायके हैं.
  • साफा होड़ सम्प्रदाय का संबंध संथाल जनजाति से है.
  • सनातन संथालों को बोंगा होड कहा जाता था.
  • संथाल गांव का प्रधान मांझी होता है.
  • संथाल गांव की पंचायते मांझीथान में बैठती है.
  • संथालों में युवाओं को नैतिक शिक्षा जोगमांझी देता है.
  • बिटलाह संथाल समाज का सबसे कठोर सजा है.
  • बिटलाह संथाल समाज का सामाजिक बहिष्कार है.
  • बिटलाह सजा निषिध्द यौन संबंध स्थापित होने पर अपराधियों को दी जाती है.
  • संथालों के सारे पर्व कृषि या प्रकृति से संबंधित है.
  • संथालों के त्योहारों का प्रारंभ अषाढ़ महीने से होता है.
  • बाहा।बा, सोहराई, एरोक, माघसिम, करम संथालो के मुख्य पर्व है.
  • सोहराई पर्व पौष में मनाया जाता है.
  • सोहराई पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है.
  • संथालों का प्रिय त्योहार सोहराई फसल काटने के समय मनाया जाता है.
  • एरोक पर्व आषाढ़ माह में मनाया जाता है.
  • हरियाड़ पर्व सावन माह से मनाया जाता है.
  • बाहा।बा पर्व फाल्गुन माह में मनाया जाता है.
  • बाहा का शाब्दिक अर्थ फूल है.
  • संथालों का बाहा।बा पर्व उरांव-मुंडा के सरहुल के समान है.
  • बाहा के पहले दिन का नाम उम है.
  • माघ सिम पर्व माघ माह में मनाया जाता है.
  • सावन में धान के खेतों में हरियाली आ जाने पर हरियार सिम पर्व मनाया जाता है.
  • संथालों में दस राग पाये जाते है.
  • प्रत्येक संथाल गांव में एक पंचायत होती है.
  • पंचायत का मुखिया मांझी कहलाता है.
  • मांझी का सहायक जोग मांझी कहलाता है.
  • मांझी की अनुपस्थिति में उसका कार्य पारानिक संपादित करता है.
  • संथाल गांव का संदेशवाहक गोड़ेत कहलाता है.
  • परगना का प्रधान परगनैत कहलाता है.
  • संथाल जनजाति के लोग संथाली भाषा बोलते है.
  • संथाल जनजाति के लिपि ओलचिकी है.
  • ओलचिकी लिपि का आविष्कार पंडित रधुनाथ मुर्मू ने किया.
  • 100वाँ संविधान संशोधन के द्वारा संथाली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया गया.
  • संथालों के लोक-कथाओं में अधिकतर पशु पात्र होते है.
  • संथाल में हेम्ब्रम जनजाति का गोत्र चिन्ह पान पत्ता है.
  • जंगली हंस गोत्र चिन्ह हांसदा जनजाति का है.
  • सोरेन जनजाति का गोत्र चिन्ह पक्षी है.
  • मरांडी का गोत्र चिन्ह मडरा घास है. 
  • बेसरा जनजाति का गोत्र चिन्ह बाज पक्षी है.
  • बास्के गोत्र का गोत्र चिन्ह नाग सांप है.
  • पौड़िया गोत्र का गोत्र चिन्ह कबूतर है.
  • चोंड़े गोत्र का गोत्र चिन्ह छिपकली है.
  • जादोपटिया चित्रकला शैली संथाल जनजाति की सर्वाधिक मशहुर लोक चित्रकला है.
  • जादोपटिया चित्रकला शैली संथालों की सामाजिक, धार्मिक, रीति-रिवाज और मान्यताओं को उकेरती है.
  • जादोपटिया शैली के चित्रकार को संथाली भाषा में जादो कहते है.
  • मरने पर सब गहने उतार लिये जाते है, पर गोदना (खोदा) दूसरी दुनिया तक साथ जाती है- यह कहावत संथाल जनजाति के बीच प्रचलित है.  
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